हे गुरुदेव करो स्वीकार
अंश लाल पंद्रे
]
हे गुरुदेव करो स्वीकार
गुरु वंदन है मेरा संसार
जीवन में मैने है खोया
रखने योग्य कुछ न संजोया
गुरु तुम मेरा करो उद्धार
हे गुरुदेव करो स्वीकार
मैने व्यर्थ ही समय गंवाया
समय गंवा करके पछताया
अब गुरु पद रज ही आधार
हे गुरुदेव करो स्वीकार
निर्बल रहकर बना अभिमानी
समझ रहा खुद को ही ज्ञानी
ये सब दूर करो विकार
हे गुरुदेव करो स्वीकार
अंश लाल पंद्रे
रविवार, 9 अगस्त 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
bahut badhiya nivedan hai
जवाब देंहटाएं