रविवार, 9 अगस्त 2009

बाग हमारा है



हम नन्हें मुन्ने माली हैं ये बाग हमारा है
अंशलाल पंद्रे
हम नन्हें मुन्ने माली हैं ये बाग हमारा है
सबसे अच्छी फुलवारी हिन्दुस्तान हमारा है

हाथो में लेकर कुदाल खेतो को हम जाते
सूरज की पहली किरन से रोज नहाते
श्रम की पूजा करने में विश्वास हमारा है
काश्मीर आसाम से लेकर कन्या कुमारी
दिशा दिशाओ दूर दूर पावन धरा हमारी
धरती के हर कण कण पे अधिकार हमारा है
गंगा यमुना नर्मदा ताप्ती हैं यहां की नदियां
सागर झींले झरने उपजायें मन में खुशियां
ऐसा मोहक प्यारा भारत वर्ष हमारा है
रंग बिरंगे फूल खिले आभा न्यारी न्यारी
दुनिया भर महक रही खुश्बू प्यारी प्यारी
खुश्बू रहेगी बरकरार दावा हमारा है
ॠतुओ का वरदान मिला हर तरफ हरियाली
फूल फलों से लदी हुई हर पेड़ो की डाली
वन उपवन से आच्छादित ये देश हमारा है

अंशलाल पंद्रे

हे गुरुदेव करो स्वीकार

हे गुरुदेव करो स्वीकार
अंश लाल पंद्रे

]
हे गुरुदेव करो स्वीकार
गुरु वंदन है मेरा संसार
जीवन में मैने है खोया
रखने योग्य कुछ न संजोया
गुरु तुम मेरा करो उद्धार
हे गुरुदेव करो स्वीकार
मैने व्यर्थ ही समय गंवाया
समय गंवा करके पछताया
अब गुरु पद रज ही आधार
हे गुरुदेव करो स्वीकार
निर्बल रहकर बना अभिमानी
समझ रहा खुद को ही ज्ञानी
ये सब दूर करो विकार
हे गुरुदेव करो स्वीकार


अंश लाल पंद्रे

हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि



हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि
अंशलाल पंद्रे


हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि
हे दिव्य अमृतृनंद सांई हरि

राम रहीम गुरु कृृ्ण करीम
दीन दुखी जनजन के हकीम
हे ब्रह्म आत्मानंद सांई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि

वेद पुरान बाइबिल कुरान
अध्यात्म शिरोमणि सांई सुजान
देवज्ञ ज्ञानानंद सांई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि


सांई सदगुरु अंतरयामी
सागर दया के मंगल स्वामी
श्रीमंत हृदयानंद साई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि


करुणानिधान कल्याणु कृपालु
दीनानाथ दयामय दयालु
श्री संत परमानंद सांई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि

अंशलाल पंद्रे