शुक्रवार, 31 जुलाई 2009

तेरी जय जय जननी भारत माता

जननी भारत माता......
तेरी जय जय ,तेरी जय जय
तेरी जय जय ,तेरी जय जय
रोज हैं खिलते गोद में तेरी , फूल हजारों ऐसे
अकबर, गांधी, भगत, जवाहर चांद सितारों जैसे
चांद सितारों जैसे

जननी भारत माता......
चाहे धर्म कोई भी हो ,हैं सब भाई भाई
मां भारत की हैं संताने , है सब में तरुणाई
है सब में तरुणाई
जननी भारत माता......
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम की आभा है न्यारी
भिन्न भिन्न भाषा औ प्रांतो की शोभा है प्यारी
की शोभा है प्यारी

जननी भारत माता.....
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र और कावेरी का पानी
पी हम पानी वाले करते दुश्मन पानी पानी
दुश्मन पानी पानी
जननी भारत माता......
-अंशलाल पंद्रे

4 टिप्‍पणियां:

  1. "तेरी जय जय जननी भारत माता "
    सुन्दर रचना के लिए बधाई आदरणीय पंद्रे जी.
    - विजय

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  2. SIR NAMASKAR,
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    SHUBKANMAYEIN.

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  3. तेरी जय जय जननी भारत माता एवं नर्मदे हर हर हर नर्मदे कविताएँ बहुत अच्छी हैं। पढ़कर अत्यंत आनंद की अनुभूति हुई।

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  4. तेरी जय जय जननी भारत माता एवं नर्मदे हर हर हर नर्मदे कविताएँ बहुत अच्छी हैं। पढ़कर अत्यंत आनंद की अनुभूति हुई।

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