दिशा-दिशाओं दूर-दूर तक, प्यारा हिन्दुस्तान।
मैं हिन्दी, भाषा मेरी हिन्दी, मेरा हिन्दुस्तान।।
मात-पिता, गुरु-बंधु बोले, प्यारी सबमें हिन्दी।
भारत माँ के माथे की, जैसे मोहक बिन्दी।
सरल मधुर लुभावनी, जिसकी है ऊँची शान।।
राम, श्याम, मनोहर, दर्शन जैसे प्यारे नाम ।
शर्मा, वर्मा, बासु, खत्राी, गुप्ता जैसे उपनाम ।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता हैं, भारत की पहचान।।
गंगा, यमुना, नर्मदा, कृष्णा, सतलज, गोदावरी।
अरावली, सतपुड़ा, हिमालय-पर्वत सर्वोपरी ।
मैहर पावागढ़, श्रृँगेरी जैसे कई स्थान ।।
गुरुवार, 3 सितंबर 2009
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